नई दिल्ली-प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा वीर व हास्य रस से भरा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कवि सम्मेलन में पधारने वाले सुप्रसिद्ध कवियों में प्रताप फौजदार, सुदीप भोला, दिनेश दिग्गज (उज्जैन), वीर रस के कवि विनित चौहान, दलजीत कौर तनहा तथा मंच संचालन कवि गजेन्द्र सोलंकी जी ने किया।
प्रताम फौजदार,गजेन्द्र सोलंकी एवं दिनेश दिग्गज की हास्य रस से भरी कविताओं ने दर्शकों को बहुत आनंदित किया। दलजीत कौर की देशभक्ति की कविता ने समां बांधा। विनित चौहान की प्रथम पंक्ति श्फूल बनकर जो जिया उसको यहां मसला गया, आदमी को फौलाद बनकर जीना चाहिए, छीनता हो हक तुम्हारा कोई तो उस वक्त आँख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिएश् वीर रस, व सेना से बलिदानों को बयान करती इस कविता ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए। उनके व्यंग्य व चुटीलेपन पर दर्शकों ने अनेक बार तालियाँ बजाकर उनका अभिनंदन किया।
अंत में आदर्श रामलीला कमेटी के कवि सम्मेलन के संयोजक राकेश गुप्ता ने सभी कवियों का धन्यवाद कर सम्मेलन का समापन किया।